Breaking News

कोल इंडिया की रोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान सभा ने मनाया काला दिवस

राज्य सरकार भी निशाने पर, 4 नवम्बर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा

विशेष प्रतिनिधी

कोरबा:-कोल इंडिया और राज्य सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ आज छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ ने मिलकर काला दिवस मनाया तथा कुसमुंडा, गेवरा कार्यालयों पर और नरईबोध खदान में काले झंडों के साथ प्रदर्शन कर कोल इंडिया का पुतला जलाया गया।इन प्रदर्शनों में 45 गांवों के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया,

उल्लेखनीय है कि 1 नवम्बर को जहां कोल इंडिया और राज्य सरकार अपना स्थापना दिवस मना रही है, वहीं इस क्षेत्र के खनन प्रभावित लोगों ने रोजगार और पुनर्वास की समस्या को हल न करने के विरोध में काला दिवस मनाने की घोषणा की थी। कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना देते हुए भी आज उनके एक साल पूरे हो गए, वहीं गेवरा कार्यालय के सामने भी उनका धरना शुरू हो चुका है। इस बीच 6 बार हुई खदान बंदी के कारण 40 घंटे से भी अधिक समय तक खदानें बंद रही है और 2-3 बार रेल परिवहन प्रभावित हुआ है। इससे एसईसीएल को करोड़ों रुपयों का नुकसान पहुंचा है। इस बीच आंदोलन कर रहे 16 लोगों को जेल भी भेजा गया है,

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा का कहना है कि भूविस्थापितों के आंदोलनों के कारण कोरबा जिले में एसईसीएल को जितना नुकसान हुआ है, उतनी राशि से ही ग्रामीणों के रोजगार और पुनर्वास संबंधी मांगें पूरी की जा सकती थीं। लेकिन अपनी अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में एसईसीएल के अधिकारियों को कोई दिलचस्पी ही नहीं है, क्योंकि अपात्रों को रोजगार बेचकर वे करोड़ों कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस काला दिवस के जरिए हमने दमन के खिलाफ संघर्ष तेज करने का फैसला लिया है और 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने जा रहे हैं,

1978 से लेकर 2004 के मध्य कोयला खनन के लिए इस क्षेत्र के हजारों किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है, लेकिन तब से अब तक वे अपने रोजगार और पुनर्वास के लिए भटक रहे हैं। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने एक अनवरत आंदोलन के जरिए भूविस्थापितों की मांगों को स्वर दिया है और बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदानों में काम देने, महिलाओं को स्वरोजगार देने तथा पुनर्वास गांव में बसे भूविस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने आदि मांगें उठाई है,

तीन जगहों पर हुए विरोध प्रदर्शनो का नेतृत्व किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, कटघोरा ब्लॉक किसान सभा के अध्यक्ष जय कौशिक व सचिव सुराज सिंह, रोजगार एकता संघ के रेशम यादव, दामोदर श्याम, रघु यादव, सुमेंद्र सिंह ठकराल, बसंत चौहान, शिव दयाल, पवन यादव, गुलाब दास आदि ने किया। राज्य महोत्सव और कोल महोत्सव के आयोजनों पर प्रश्न खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि यदि इस क्षेत्र के नौजवान अपनी जमीन खोने के बदले रोजगार के लिए भटक रहे हैं, तो ऐसे आयोजनों का हमारे लिए कोई महत्व नहीं है.

प्रशांत झा
जिला सचिव,
छत्तीसगढ़ किसान सभा

रेशम यादव
अध्यक्ष,
भू विस्थापित रोजगार एकता संघ

About Jwala Samachar

Chif Editor - Akshay Ramteke Mo. 9146988968 Email : jwalasamachar2019@gmail.com

Check Also

अंतरवाली येथील फरार छत्रपती विघ्ने भामटा बिग बुल याचे कार्यालय गुंतवणूकदारांनी फोडले

टेम्पो भरून सामान घेऊन गेले फरार विघ्ने सोशल मीडियावर ऑनलाईन मग पोलिसांना का सापडत नाही??? …

मतदार चिठ्ठी पडताळणीसाठी जिल्हाधिकारी घरोघरी – 100 टक्के वाटप करण्याच्या सुचना

जिल्हा प्रतिनिधी-सुनिल हिंगणकर चंद्रपूर, दि. 14 : लोकसभा सार्वत्रिक निवडणुकीचा ज्वर चांगलाच चढला आहे. प्रत्यक्ष …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

All Right Reserved