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जयेश के साथी पाशा को नागपुर ले आई पुलिस

केंद्रीय मंत्री गडकरी को धमकी देने का मामला

विशेष प्रतिनिधी-नागपूर

नागपुर:-केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को धमकी दिए जाने के प्रकरण में नागपुर पुलिस ने जयेश पुजारी के साथी अफ़सर पाशा को गिरफ़्तार किया है.पाशा को तगड़े पुलिस बंदोबस्त के साथ फ़्लाइट से नागपुर लाया गया.अदालत में पेश के बाद पाशा को 19 तारीख तक पुलिस कस्टड़ी में भेज दिया गया है.केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को जान से मारने और फिरौती मांगने का आरोपी जयेश पुजारी इन दिनों नागपुर सेंट्रल जेल में बंद है.इस प्रकरण के सामने आने के बाद नागपुर पुलिस ने जयेश को कर्नाटक की बेलगाम जेल से गिरफ़्तार किया था.जयेश की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ में कई सनसनीखेज जानकारिया सामने आयी.सबसे चौकाने वाली बात थी की जयेश के बेंगलुरु आतंकवादी हमले मामले में दोषी अफसर पाशा के बीच संबंध होने के सबूत मिले.

इसके बाद नागपुर पुलिस पाशा को गिरफ़्तार करने के प्रयास में थे.शनिवार को पुलिस पाशा को कर्नाटक की जेल से गिरफ़्तार कर तगड़े बंदोबस्त के बीच नागपुर लायी। पाशा को फ़्लाइट से नागपुर लाया गया और एयरपोर्ट लैंड होने के बाद सीधे मेडिकल अस्पताल ले जाया गया.मेडिकल जाँच होने के बाद पाशा को जिला सत्र न्यायालय में पेश किया गया.जहा जिरह के बाद अदालत ने पाशा को 19 जुलाई तक के लिए पुलिस कस्टड़ी में भेज दिया,पाशा की तरफ से पैरवी करने वाले वकील एड विलास डोंगरे और एड मंगेश मून ने अदालत में जिरह के दौरान पाशा की तरफ से दलील रख रहे वकीलों ने कोर्ट को बताया की पाशा और जयेश सिर्फ एक ही जेल में बंद थे.इसलिए दोनों के बीच दोस्ताना सम्बन्ध थे.उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है गौरतलब हो की जयेश पुजारी उर्फ कांथा पहले पाशा के साथ बेलगाम जेल में ही बंद था.

नागपुर पुलिस के मुताबिक पुजारी ने 14 जनवरी को नागपुर में गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में धमकी भरा फोन किया और 100 करोड़ रुपये की मांग की। उसने दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य होने का दावा किया था। उस समय वह पड़ोसी राज्य कर्नाटक की एक जेल में बंद था। उसने 21 मार्च को एक बार फिर फोन किया और धमकी दी कि अगर 10 करोड़ रुपये नहीं दिए गए तो वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नुकसान पहुंचाएगा। पुजारी को 28 मार्च को बेलगावी की एक जेल से गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया और उसके खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. नागपुर पुलिस को इस मामले की जांच के दौरान पुजारी और आतंकवादी बशीरुद्दीन नूर अहमद उर्फ अफसर पाशा के बीच संबंध का पता चला, जो पहले जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए आतंकवादियों की भर्ती के मामले में 2012 में दोषी पाए गए पाशा से पुजारी के संबंध थे। पाशा दिसंबर 2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकवादी हमले में भी शामिल था और अभी बेलगाव में जेल की सजा काट रहा है। पाशा को गिरफ्तार करने के लिए नागपुर पुलिस का एक दल बेलगाम गया है.

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